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मैं इस पोस्ट को थोडा विचित्र तरीके से लिखूंगा लेकिन अंत इसका उपरी पंक्ति से ही होगा तो t20 विश्व कप में भारत वेस्टइंडीज से सेमीफाइनल में हर कर बाहर हो गया तो हमे दुःख हुआ लेकिन जिस तरह से वेस्टइंडीज के खिलाडियों ने धूम धमाके से खुश होकर इजहार किया और अपने ही कैर्रेबियन अंदाज में तो भारतीय दर्शक भी उनकी खुशी में मस्त हो गये और यही हमारी संस्कृति भी है कि हम दूसरों की खुशी में खुद की खुशी ढूंड लेते हैं और अच्छा लगा कि एक गरीब देश ने ख़िताब तो जीता ही पर दर्शकों का दिल भी जीत लिया चलो अब मुद्दे पर आते हैं इस मैच को सभी देख रहे थे तो NIT श्रीनगर भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक है यहाँ भी छात्र मैच देख रहे थे और भारत की हार के बाद कुछ कश्मीरी छात्रों ने भारत विरोधी नारे लगाये और पटाखे फोड़ने लगे ठीक है अगर आप पटाखे वेस्ट इंडीज के जीतने की खुशी में फोड़ रहे हैं लेकिन यदि आप भारत विरोधी नारे एक भारतीय शिक्ष्ण संस्थान में लगा रहे हैं और खुशी भारत के हारने पर जाहिर क्र रहे हैं तो ये बेहद ही शर्म की बात है तो कुछ भारतीय समर्थक छात्रों ने उनका विरोध किया और भारतीय तिरंगे को फहराना शुरू क्र दिया अब ये क्योंकि भारत का शिक्षा संस्थान है तो यहाँ पर भारत का झण्डा फहराना कोई गलत बात तो ह नहीं हां यदि हम किसी दूसरे देश में ऐसा करते तो वहां कुछ लोगों को आपति हो सकती है फिर भी कोई कुछ कहेगा नहीं क्योंकि अपने देश का झण्डा फहराना का हक हर इंसान को है लेकिन जम्मू कश्मीर पुलिस जिसे की भारत में बहुत अच्छे कामों के लिए कम ही जाना जाता है उसने उन छात्रों जो भारत का तिरंगा फहरा रहे थे जानवरों की तरह पीटना शुरू कर दिया इतना पीटा की छात्र बुरी तरह से घाएल हो गये किसी की आँख पे चोट आई किसी की पीट पे सरिये जैसे निसान पड गये सवाल ये है कि जवाहरलाल नेहरु विश्वविध्यालय में जहां साफ तौर से भारत विरोधी गतिविधियाँ हुई थी वहां दिल्ली पुलिस की हिम्मत नहीं हुई अंदर जाने की लेकिन यहाँ जम्मू पुलिस न केवल कैंपस में गयी अपितु छात्रों के साथ बहुत बुरा सलूक किया और रक्षक ही भक्षक बन गये आज हम किस तरह के देश में रह रहे हैं ? यहाँ भारत में रहकर आप भारत विरोधी नारे लगते हैं तो सेक्युलर ब्रिगेड आप के साथ आके बोलती है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी पे हमला है लेकिन यदि आप भारत का तिरंगा फहराते हैं तो न केवल आपकी धुनाई होगी अपितु आप का साथ देने वाला भी कोई नहीं होगा यह शर्म की बात है कि एक तरफ यूरोप जैसे देश हैं जैसे कि डेनमार्क जहां शाएद आपको शॉप से ज्यादा वहां के झंडे मिलंगे और यदि वहां गलती से झण्डा नीचे गिर गया तो उसी सेकंड कोई भी डेनिश उसे उठा के किसी पवित्र स्थान पे रख देगा यह अत्यंत ही दुखद है कि आज भारत देश में आप अपने देश का तिरंगा भी नहीं फहरा सकते वरना आप पे खतरा है क्या इस स्थिति का कोई समाधान है ?
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