- 15 Posts
- 3 Comments
हमारे समाज में इनसानियत पे किस तरह राजनीति हावी होती जा रही है इसका अंदाजा लगाना यदि पहले कभी मुश्किल था तो अब बिल्कुल आसान है जिस तरह से एक बेजुबान जानवर की टांग केवल इस लिए तोड़ दी गयी कि आप सरकार के कार्यों से खुश नही हैं तो यह सब राजनीति की क्रूरता को प्रदर्शित करता है बेहद शर्म की बात है की हमारे आसपास के वातावरण में इतना जहर घुल चुका है की अब हम हमारे दिलों में दर्द नाम की कोई चीज़ ही नही रही आप कैसे एक बेजुबान जानवर को ऐसे मार सकते हैं जिसका न कोई रिश्ता सत्ताधारी दल से है नाहि वह आपके राशते की अड़चन है ? मेनका गांधी ने अपने साथियों के बजाय दिमाग की जगह जरूर दिल से सोचा और विधायक को दल से बाहर निकालने मि बात कह डाली वह खुद जानवरों की हितैषी हैं इस तथ्य से हम सब अवगत हैं यह शर्म की बात है भाजपा अपने विधायक को बचाने का प्रयास कर रही है हम इतने स्वार्थी हो चुकें हैं की अब हम अपने लक्ष्य के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं गणेश जोशी ने जो कार्य किया वह उनके के लिए तो बेहद शर्मनाक था ही हमारे समाज के लिए आँखे खोलने का एक पल भी था। आज भारत सरकार भारत के विकास के लिए नई नई पहल कर रही है वही भारत की अर्थव्यवस्था शीर्ष चरम है तो ऐसी गतिविधियाँ हैरान करने वाली हैं हमारे देश को सबसे दयालु देशों में से एक माना जाता है हमारे देश में पशुओं को जहां पूजा जाता है वहीं हम मिर्तु दण्ड देने के मामले में काफी पीछे हैं अगर ऐसे राष्ट्र में ऐसा कोई देखने को मिले और ऐसा व्यक्ति बिना सजा पाये छूट जाये तो इससे बड़ी सहिष्णुता नही हो सकती है।ऐसे व्यक्ति को कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए और न्यायालय को एक उदाहरण पेश करना चाहिए ताकि आगे से कोई व्यक्ति ऐसा घिनोना कार्य की सोच भी न सके। जोशी को अपनी गलती का अहसास हो या ना हो लेकिन इतना तो तय है की बेजुबां शक्तिमान अब अपने जीवनभर अपना कार्य उस तरह नही कर पायेगा जैसा वह किया करता था।
Read Comments